- बसों का आॅनलाइन टिकटिंग को बढ़ावा देकर दूर करने की तैयारियों में
- बस संचालक सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं
- बस से लेकर आॅटो संचालक तक सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं
- प्राइवेट बस स्टैंडों पर टिकट काउंटर बंद हो जाएं तो आश्चर्य की बात नहीं
रांची: कोरोना संक्रमण के बाद कई तरह के बदलावों के बीच परिवहन विभाग भी एक बार
फिर निर्माण और बदलाव के बड़े फेरबदल से रूबरू होगा। आॅनलाइन सेवाओं में बढ़ोतरी
होगी और टिकटिंग जैसी व्यवस्था की काउंटरों पर निर्भरता कम होगी। लंबी दूरी की बसों
में पहले से ही टिकट आॅनलाइन प्लेटफॉर्म पर ही उपलब्ध हैं। अब इसका प्रचलन बढ़ेगा।
वह दिन भी दूर नहीं जब पूरा का पूरा टिकट आॅनलाइन माध्यम से ही बिकेगा।दूसरी
ओर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सार्वजनिक परिवहन में कम से कम कितने
यात्रियों को लेकर वाहन चल सकते हैं, इसपर गंभीरता से मंथन चल रहा है। बसों के
स्वरूप में बदलाव हुआ तो निर्माण का एक नया मोर्चा भी काम करना शुरू कर देगा।
सरकारी स्तर पर भी और परिवहन उद्योग से जुड़े लोगों के स्तर पर भी। बस संचालकों से
लेकर आॅटो संचालक तक सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण के बाद बदलाव के लिए तैयार भी हैं
एक बड़ा अंतर यात्रियों के द्वारा दिए जा रहे भाड़े पर आएगा।मौजूदा स्वरूप में छेड़छाड़ से
यह तय हो जाएगा कि बस संचालक यात्रियों से अधिक राशि लेकर ही उन्हें शारीरिक दूरी
और स्वच्छता जैसी सुविधाएं दे पाएंगे। ऐसी परिस्थिति में यात्री वाहनों के संचालक राज्य
सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं और राज्य सरकार को केंद्र के दिशानिदेर्शों का
इंतजार है। झारखंड राज्य बस ओनर एसोसिएशन से जुड़े कृष्ण मोहन सिंह बताते हैं कि
बस संचालक सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। दूसरे यात्री वाहनों के संचालक भी
सरकार के निर्देश पर ही चलेंगे, लेकिन एक बात तो तय है कि किराया बढ़ जाएगा।दो
यात्रियों के बीच दूरी की बात पर बस संचालक कह रहे हैं कि अब टूवाईवन (एक तरफ दो
सीट और एक तरफ एक सीट की व्यवस्था) का चलन बढ़ेगा। झारखंड में लंबी दूरी की बसों
में ऐसी बसों की संख्या फिलहाल तीन से चार सौ है। इतनी ही संख्या में टूवाईटू बसें हैं,
लेकिन धीरे-धीरे इनका मॉडल भी बदलना होगा।
राज्य सरकार केंद्र के निदेर्शों का इंतजार कर रही है
.
यहां सरकार के स्तर से किसी भी प्रकार की यात्री सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
केंद्र से निर्देश के बाद नगर निकायों के माध्यम से संचालित बसें और प्राइवेट सेक्टर के
माध्यम से चल रही बसों के साथ-साथ अन्य परिवहन वाहनों में बदलाव की संभावना
बनती दिख रही है। इतना ही नहीं, अब आॅनलाइन कार बुकिंग में शेयरिंग सिस्टम को
भी खत्म करने की शुरूआत कोरोना के संक्रमण के समाप्त होने के बाद हो सकता है। एक
कंपनी से जुड़कर टैक्सी चला रहे रमेश कहते हैं कि ऐसे भी झारखंड के शहरों में शेयरिंग
का चलन कम था। अब कोरोना के बाद इसके खत्म होने का अंदेशा भी सामने आता दिख
रहा है।आॅटो चालक भी यात्रियों को ठूंसकर गाड़ी चला पाएंगे या नहीं, कहा नहीं जा
सकता है। आनेवाले दिनों में इस प्रकार के कई बदलाव होंगे लेकिन झारखंड में वही
बदलाव कारगर होंगे जिसके लिए सरकार का निर्देश प्राप्त होगा। दूसरी ओर, सरकारी और
प्राइवेट बस स्टैंडों पर टिकट काउंटर बंद हो जाएं तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। बसों
में यात्रियों की संख्या अधिक नहीं रखने को लेकर भी सख्त कदम की पहल पर संचालकों
का साथ होगा। हो, बस भाड़ा बढ़ाने को लेकर जरूर प्रयास होंगे।
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