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उसके उतरने के वक्त धूल भी उड़ी
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नमूना लेने का कई उपकरण हैं इसमें
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सबसे अधिक मिट्टी लेकर लौटेगा यह यान
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चीन का चेंज 5 का चांद पर सफल अवतरण
राष्ट्रीय खबर
रांचीः चंद्रमा के अंधेरे हिस्से में चीन ने फिर से अपना अंतरिक्ष यान उतारा है। चीन के इस
चेंज 5 अंतरिक्ष यान के वहां सफलतापूर्वक उतर जाने पर चीन के वैज्ञानिकों ने प्रसन्नता
जाहिर की है। इस यान को भी चांद पर वहां की मिट्टी के नमूने और धूल कणों को एकत्रित
करने के लिए ही भेजा गया है। अब यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि अंतरिक्ष अभियान का
एक मकसद अन्य ग्रहों और उल्कापिंडों पर मौजूद खनिजों का भी पता लगाना है ताकि
पृथ्वी या अपने अपने देश की खनिज संबंधी जरूरतों को अंतरिक्ष से भी पूरा किया जा
सके। चीन का यह यान अगले कुछ दिनों तक अपने आस पास के इलाकों का गहन
निरीक्षण करेगा। उसे एक असमान धरातल वाले इलाके में उतारा गया है। वैसे भी जहां
यह यान उतरा है, वहां चंद्रमा के अंधेरे हिस्से वाला है। अपने आस पास का निरीक्षण करने
के क्रम में वह नियंत्रण कक्ष से प्राप्त संदेशों के आधार पर नमूने भी एकत्रित करता
जाएगा।
इस अंतरिक्ष यान का कुल वजन 8.2 टन है
8.2 टन वजन के इस अंतरिक्ष यान को दो हिस्सों में बनाय गया था। उसे दक्षिणी चीन के
अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से गत 24 नवंबर को छोड़ा गया था। वह पिछले सप्ताह के अंतर में
ही चंद्रमा के पास पहुंच गया था। इस दौरान वह चक्कर काटते हुए दो हिस्सों में बंट गया
था। इस यान का जो लैंडर चांद पर उतरा है, उसमें कैमरा, स्पेक्ट्रोमीटर, रडार और गहराई
तक खोदने के लिए एक ड्रील और अन्य उपकरण भी हैं। यह सारे उपकरण वहां से नमूना
एकत्रित करने के लिए ही इस लैंडर में लगाये गये हैं। इस पूरे अभियान का मकसद वहां से
दो किलो नमूना लेकर लौटना है। दरअसल वहां से नमूना लेने के बाद चंद्रमा की परिधि में
चक्कर काट रहे यान तक जाएगा।
चंद्रमा के अंधेरे हिस्से में उतरकर सबसे ज्यादा नमूना लेकर आयेगा
पिछले 44 वर्षों के चंद्र अभियान के इतिहास में यह पहला मौका है जब चांद से इतनी
अधिक मिट्टी एकत्रित की जा रही है। इससे पहले सोवियत संघ के लूना 24 मिशन में सिर्फ
दो सौ ग्राम नमूना लाया गया था। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी के नियंत्रण कक्ष में वैज्ञानिक
इस पर लगातार नजर रख रहे थे। चीनी मीडिया को सफल लैंडिंग के बाद उसकी जानकारी
दी गयी। इसके साथ ही यह भी दिखाया गया कि किस तरीके से यह यान सफलतापूर्वक
चंद्रमा के अंधेरे हिस्से में उतरने में सफल रहा। इससे संबंधित जो वीडियो प्रसारित किया
गया है, उसके अंतिम चरण में इस यान के उतरने के दौरान वहां से उड़ते धूलकण भी साफ
नजर आ रहे हैं।
नियंत्रण कक्ष से उसके अवतरण को देख रहे थे वैज्ञानिक
चीन की अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी है कि यह चीन के समय के मुताबिक रात 11
बजकर 11 मिनट पर चांद पर उतरा है। वह जिस स्थान पर उतरा है, उसके दिशांश और
अक्षांश के बारे में भी जानकारी दी गयी है। याद रहे कि इससे पूर्व भी चीन ने वर्ष 2013 में
पहला चंद्र अभियान किया था। पिछले साल चीन का चेंज 4 पर चांद पर उतरा था और कई
प्रयोग कर गया था। इसके तहत कड़ाके की ठंढ के बाद भी चेंज 4 के विशेष कैप्सूल में रखे
कपास के बीज प्रस्फुटित हुए थे। वैसे अत्यधिक ठंड की वजह से वे शीघ्र ही मर गये थे।
लेकिन चांद पर कृत्रिम तौर पर जीवन पैदा करने की यह पहली कोशिश थी। चीन का यह
यान जिस स्थान पर उतरा है, वहां की मिट्टी के नमूनों से बेहतर जानकारी मिलने की
उम्मीद जतायी जा रही है। दरअसल इसके पूर्व अमेरिका और रुस के अंतरिक्ष अभियानों
से जो नमूने एकत्रित किये गये थे, वे काफी पुराने थे। वैज्ञानिक जांच में उनके करीब तीन
बिलियन वर्ष प्राचीन होने का अनुमान लगाया गया था।
इस बार चांद से नये कालखंड का नमूना आने की उम्मीद
दूसरी तरफ चंद्रमा के अंधेरे हिस्से से चीन का यान जो नमूना लेकर आयेगा वह करीब 1.2
से 1.3 बिलियन वर्ष पुराना होगा। लिहाजा बाद के कालखंड में चंद्रमा पर क्या कुछ बदला
है, उसके बारे में नई जानकारी मिलने की उम्मीद इस नमूने से की जा रही है। नमूना लेने
के बाद चांद की परिधि में चक्कर काट रहा यान फिर से पृथ्वी पर वापस लौटेगा। यह यान
मंगोलिया के इलाके में जमीन पर उतरेगा। इस वापसी की प्रक्रिया में भी अधिक दिन नहीं
लगेंगे। पृथ्वी पर नमूना आने के बाद नये सिरे से उनका अध्ययन कर सौर मंडल की
रचना की नई गणना का काम प्रारंभ होगा।
[…] मकड़ा जैसा रोबोट शायद चंद्रमा के उन इलाकों तक आसानी से पहुच पायेगा, […]