राष्ट्रीय खबर विशेष
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अरुणाचल में चीन ने बसा डाला है आधुनिक तीन गांव
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भारतीय सेना ने पहली ही सरकार को बताया था
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चीन ने कहा अपनी सीमा में गांव बनाना गलत कैसे
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केंद्र सरकार ने सेना को कार्रवाई की अनुमति नहीं दी थी
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी: एक नहीं तीन गांव बन गये हैं चीन के, वह भी अरुणाचल प्रदेश की सीमा के
अंदर। अरुणाचल प्रदेश में चीन के नया गांव स्थापित करने की खबरें ऐसे समय आई हैं
जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में आठ महीने से अधिक समय से सैन्य गतिरोध
बना हुआ है। दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बाद भी
गतिरोध का अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। भारतीय सेना के सूत्र ने कहा कि
डोकलाम विवाद में करारी शिकस्त के बाद टेंशन में आए चीन ने अरुणाचल प्रदेश में
भारतीय सीमा के करीब 4.8 किमी अंदर गांव बसा लिया है। खबर मिली है कि 18 महीने
पहले ही भारतीय सेना द्वारा विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को भारत की जमीन पर
कब्जा करने की खुफिया रिपोर्ट की सूचना दी गई थी। सरकार ने भारतीय सेना को चीनी
सरकार के खिलाफ कदम उठाने की अनुमति नहीं दी थी। चीन ने धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व में
अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाके पर कब्जा कर लिया है। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ
अधिकारी ने कहा है कि इसके एक नहीं तीन नए गांव बनाए गए हैं और 500 से अधिक
घरों में कई हजार से अधिक चीनी लोग रहने लगे हैं। यह इलाका अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी
सुबनसिरी जिले में स्थित है। इस चीनी गांव में करीब 122 घर बनाए गए हैं। भारतीय सेना
के खुफिया सूत्र ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के इस इलाके पर चीन का कब्जा है। चीनी
सेना ने कुछ साल पहले ही यहां पर अपनी एक सैन्य चौकी भी स्थापित की थी जो समुद्र
तल से करीब 2700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। उन्होंने कहा कि चीनी सेना ने डोकलाम
की घटना के बाद अब इस इलाके में अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया है।
एक नहीं तीन गांव बनने पर स्थानीय पर पर जोरदार विरोध
अरुणाचल प्रदेश में चीन के एक गांव बनाने की खबरों पर सतर्कता पूर्वक प्रतिक्रिया देते
हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमने चीन के भारत के साथ लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्माण
कार्य करने की हालिया खबरें देखी हैं। चीन ने पिछले कई वर्षों में ऐसी अवसंरचना निर्माण
गतिविधियां संचालित की हैं।’ उसने कहा, ‘हमारी सरकार ने भी जवाब में सड़कों, पुलों
आदि के निर्माण समेत सीमा पर बुनियादी संरचना का निर्माण तेज कर दिया है, जिससे
सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाली स्थानीय आबादी को अति आवश्यक संपर्क सुविधा मिली है।
दूसरी ओर,इसी चीनी गांव को लेकर ऊपरी सुबनसिरी जिले में अरुणाचल प्रदेश छात्र संघ
(एएपीएसयू) ने चीन के विस्तारवादी कदम के विरोध प्रदर्शन किया है।
अरुणाचल प्रदेश छात्र संघ का पुतला दहन कार्यक्रम
अरुणाचल प्रदेश छात्र संघ नेता बागंग ने कहा कि हमारे राज्य पर चीनी दावे ने असंख्य
समस्याओं को जन्म दिया है। बगांग ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग
है। अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में लोगों ने प्रदर्शन का मंचन किया।
तख्तियां पकड़े और चीन विरोधी नारे लगाते हुए, प्रदर्शनकारियों ने एक रैली निकाली और
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पुतले जलाए। प्रदर्शनकारियों ने भारत माता की जय ’, वी
आर इंडियंस’ और चाइना गो बैक ’जैसे नारे भी लगाए हैं। इस बीच, पासीघाट के कांग्रेस
विधायक निनॉन्ग एरिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है कि वे उन सड़कों के बारे
में अवगत कराएं। अरुणाचल प्रदेश में चीन की ओर से एक गांव का निर्माण किए जाने की
खबरों पर चीन ने प्रतिक्रिया दी है । चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो अपनी जमीन
पर’ निर्माण की गतिविधियां कर रहा है और यह पूरी तरह से उसके अखंडता का मसला है।
[…] कार्रवाई की, यह कई राजनीतिक सवालों को जन्म दे रहा है। […]