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30 बड़े हथियारों के साथ तीन आतंकवादी गिरफ्तार
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मिजोरम की सीमा पर सीमा सुरक्षा बल का अभियान
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हरकत उल जिहाद की भारत में हथियार भेजने की साजिश
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अजीत डोभाल की रणनीति का एक और लाभ सामने आया
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी : पूर्वोत्तर में हाल के वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की
रणनीति और केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों का
मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ ने जोरदार अभियान
जारी रखा है ।बीएसएफ के रक्षा सूत्र ने आज कहा कि पूर्वोत्तर के आतंकवादियों और
उग्रवादियों का जमावड़ा भारत की हर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संकट पैदा कर रहा है।गृह
मंत्रालय के निर्देशानुसार बीएसएफ ने 1 जुलाई 2020 से अपने सभी अंतरराष्ट्रीय सीमा
क्षेत्रों में एक समन्वित अभियान चलाया। इस भाग में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को
नॉर्थ ईस्ट में एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। बीएसएफ के जवानों ने गुप्त सूचना के
आधार पर कार्रवाई करते हुए सोमवार देर रात मिजोरम के मामित जिले से 30 हथियारों
की एक बड़ी खेप के साथ तीन उग्रवादियों को धर दबोचा।बीएसएफ ने कहा कि चीन और
पाकिस्तान की मदद से हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी बांग्लादेश ने भारत में प्रवेश
करने की कोशिश की है। इसलिए बीएसएफ ने एक बार फिर अपने सतर्क सैनिकों द्वारा
राष्ट्र- विरोधी तत्वों द्वारा प्रतिबंधित सामानों की खेप भारत भेजने की कोशिशों को
नाकाम कर दिया है।
पूर्वोत्तर में हाल के वर्षों में पकड़ी गई हथियारों की सबसे बड़ी खेप है
बीएसएफ के पूर्वी कमान मुख्यालय की ओर से बुधवार को कहा कि इन उग्रवादियों के
पास से 28 एके 47 राइफलें, एक एके 74 राइफल, एक अमेरिकन शूटिंग गन, 28 मैगजीन
और करीब 7894 कारतूस (गोला बारूद) जब्त किए गए हैं। पूर्वोत्तर के उग्रवादियों ने
हथियारों का ये बड़ा जखीरा जीप की सीट के नीचे खुफिया बॉक्स में छुपाकर रखा था।
बीएसएफ के अनुसार, ये नॉर्थ ईस्ट में हाल के वर्षों में पकड़ी गई हथियारों की सबसे बड़ी
खेप है। बयान के मुताबिक, बीएसएफ के खुफिया विभाग के अधिकारियों को ये सूचना
मिली थी कि म्यांमार से हथियारों का बड़ा जखीरा भारत में आया है, जिसका इस्तेमाल
मिजोरम सहित नॉर्थ ईस्ट के इलाकों में हिंसक गतिविधियों के लिए होने वाला है। इसी
सूचना के आधार पर बीएसएफ के आइजोल सेक्टर अंतर्गत 90वीं बटालियन के कार्यकारी
कमांडेंट के नेतृत्व में जवानों ने मामित जिले के फुलडेन इलाके में देर रात विशेष
ऑपरेशन चलाया।
इस दौरान दक्षिण- पश्चिम फुलडेन रोड से गुजर रहे दो महिंद्रा जीप को रोका।
यह स्थान बांग्लादेश से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 15 किलोमीटर की दूरी
पर स्थित है। तीनों उग्रवादियों को पकड़ने के साथ ही जब जीप की बारीकी से तलाशी ली
गई, तो बीच वाली सीट के नीचे तहखाना जैसा एक बॉक्स दिखाई पड़ा, जिसमें हथियार
भरे पड़े थे। जब हथियारों को बाहर निकाला गया, तो पता चला कि बॉक्स के अंदर एक-दो
नहीं, बल्कि 29 राइफलें हैं, जिसमें से 28 एके- 47 राइफलें है, तो एक राइफल एके- 74
सीरीज की है। इसके अलावा हजारों की संख्या में कारतूस भी मिला, जो वाहनों में छुपाकर
रखा गया था। इस पूरे ऑपरेशन को बीएसएफ के आइजोल सेक्टर के डीआइजी कुलदीप
सिंह की निगरानी में अंजाम दिया गया। अमूमन एके- 47 सीरीज के हथियारों का
इस्तेमाल दुनिया भर में आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाता है। जो शूटिंग गन
बरामद की गई है, वो भी निषिद्ध बोर की है और अमेरिका में बनी हुई है।
हथियारों के साथ तीन उग्रवादी पकड़े गए
बीएसएफ के पूर्वी कमान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पता लगाने का प्रयास
किया जा रहा है कि हथियारों और गोला-बारूद की इस बड़ी खेप को कहां व किस उद्देश्य से
ले जाया जा रहा था। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या ये हथियार भारतीय सेना के
खिलाफ इस्तेमाल के लिए तस्करी की गई थी या नहीं। बीएसएफ के अनुसार, हथियारों
की इस बड़ी खेप के साथ ही उग्रवादियों के पास से 39,020 रुपये नकदी व अन्य सामान भी
बरामद की गई है।प्रारंभिक पूछताछ में पकड़े गए व्यक्तियों ने अपना नाम लालहुंपज़ुवा
(56), वनलुरुता (25) व लियांसगा (46) बताया है।
तीनों आइजोल जिले के है।
बीएसएफ ने जब्त हथियारों के साथ तीनों उग्रवादियों को आगे की कार्रवाई के लिए
स्थानीय पुलिस को सौंप दिया है। इस मामले में आगे की जांच जारी है। सूत्रों के अनुसार,
पकड़े गये तीनों उग्रवादी नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा यानी एनएलएफटी नामक
उग्रवादी संगठन से जुड़े बताए जा रहे हैं। बता दें कि राष्र््र-विरोधी ऐसी गतिविधियों को
रोकने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की रणनीति के अनुसार भारत-
पाकिस्तान और भारत- बांग्लादेश सीमाओं पर रक्षा के लिए 2.65 लाख कर्मियों का
मजबूत बल तैनात है।
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