रांची : अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर भारतीय संस्कृति में प्राय: खरीदारी की परम्परा
रही है। लेकिन, इस बार अक्षय तृतीया का बाजार पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया। रांची
के सोने-चांदी व अन्य दुकान बंद रहने के कारण करीब सौ करोड़ का व्यापार बाधित रहा।
मुख्य रूप से ग्राहकों के भीड़ से गुलजार रहने वाला सोने-चांदी का बाजार कोरोना के प्रभाव
के कारण सन्नाटा पसरा हुआ है। शहर के व्यवसायी व कारोबारी सिर में हाथ पकड़ कर
बैठ गये हैं। हालांकि इसका असर आम जनता पर कहीं ज्यादा पड़ा है, जो खर्च चलाने के
लिए काम-धंधे से परे होकर सीमित जिंदगी में उलझ कर वक्त बीता रहे है।
अक्षय तृतीया का बाजार इस बार सबसे फीका
झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष दीपक मारू कहते हैं कि कोरोना की मार से
बाजार को उबरना मुश्किल लग रहा है। अक्षय तृतीया का बाजार फीका गुजर गया। अक्षय
तृतीया पर अमूमन यहां करीब सौ करोड़ का व्यापार होता था। लेकिन, इस बार
व्यवसायियों के खाते में शिफर रहा है। बावजूद इसके अभी व्यवसाय से अधिक जरूरी
जिंदगी है। व्यवसायिक गतिविधियों से पहले जान की सुरक्षा आवश्यक है। उन्होंने कहा
कि केंद्र और राज्य सरकार कोरोना के संक्रमण की रोकथाम और लोगों की जान बचाते हुये
व्यवसाय को भी पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से
गुजरती इस संकट की घड़ी में व्यवसायी वर्ग केंद्र और राज्य सरकार के साथ है।
कोरोना के दहशत में जिंदगी
लॉकडाउन के कारण घरों में कैद लोग कोरोना के दहशत में जीने को मजबूर है। मंदिर,
मस्जिद, गुरूवारा व चर्च के दरवाजे बंद हैं। ऐसे में, पर्व त्योहार के बारे में सोचना भी
बेमानी लगता है। गौरतलब है कि अक्षय तृतीया पर रांची के ऑटोमोबाइल व ज्वेलरी शॉप
में जमकर खरीदारी करने की परम्परा रही है। इस बार अक्षय तृतीया पर वाहनों की खरीद-
बिक्री पूर्णत: बंद रहा। अलबत्ता, कुछ बड़े शोरूम वालों ने नियमित ग्राहकों को फोन पर
कुशल क्षेम जरूर पूछा और बुकिंग कराने का आग्रह किया। उम्मीद जतायी जा रही है कि
लॉकडाउन खुलने के बाद पुराने स्टॉक की बिक्री संभव हो सकेगा। हालांकि इसमे अभी
काफी वक्त लगेगा। फिलहाल, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सामानों की बुकिंग ली जा रही है।
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