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राष्ट्रीय खबर की रिपोर्ट सही साबित हुई
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चुनाव दरअसल एक यज्ञ है जनता भगवान
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नीतीश कुमार मेरे नेता हैं और आगे भी रहेंगे
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भागलपुर के सारे पुराने समीकरण अचानक से बदल गये
दीपक नौरंगी
भागलपुरः वैश्य समाज के एक फैसले ने भागलपुर के सारे पुराने राजनीतिक समीकरणों
को बदल दिया है। कल ही बाजार में हुई एक बैठक में सभी राजनीतिक दलों से नाराज
व्यापारी समुदाय ने इस बार के चुनाव में अपनी ताकत आजमाने का फैसला किया था।
इसी वजह से व्यापारियों ने भागलपुर के पूर्व महापौर दीपक भुवानिया पर
दबाव डालकर उन्हें मैदान में उतारा है।
वीडियो में देखिये इस बारे में क्या कहते हैं श्री भुवानिया
इस बार के चुनाव में श्री भुवानिया निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। उनके
मैदान में आते ही शहर की राजनीतिक फिजां बदली बदली सी नजर आने लगी है। यह
साफ नजर आ रहा है कि व्यापारी समाज से अलग प्रत्याशी होने की वजह से सभी दलों के
तय वोटबैंक में बड़ी सेंध लगी है। उल्लेखनीय है कि वैश्य समाज के कई लोग काफी समय
से राजनीति में सक्रिय हैं। इनमें से किसी को भी उनकी पार्टी ने इस बार के चुनाव में टिकट
नहीं दिया। इसी नाराजगी में वैश्य समाज का यह फैसला अब निर्दलीय प्रत्याशी के तौर
पर श्री भुवानिया की दावेदारी के तौर पर सामने आया है।
वैश्य समाज के लोगों के साथ साथ जनादेश का भी सम्मान
वैसे राष्ट्रीय खबर से अपनी बात-चीत में श्री भुवानिया ने साफ कर दिया कि बिहार के
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके नेता रहे हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि
भागलपुर के कई योजनाओं उनके महापौर होने के दौरान प्रारंभ तो हुई थी लेकिन अधूरी
रह गयी है। इसीलिए भागलपुर की मिट्टी का कर्ज चुकाने उन्होंने चुनाव लड़ने का एलान
किया है।
विधानसभा चुनाव के संबंध में उन्होंन उदाहरण दिया कि यह दरअसल एक यज्ञ जैसी
स्थिति है, जिसमे सभी आहूति डालते हैं। इस यज्ञ के भगवान दरअसल जनता है। अब यह
जनता पर निर्भर है कि वह किसे अपना आशीर्वाद दे। वैसे इस दौर में भी सभी राजनीतिक
दलों के नेताओ से उनकी पुरानी मित्रता है जो बनी रहेगी।
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