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बसपा बिना कांग्रेस नहीं कहा अखिलेश ने
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मायावती ने मांगी सम्मानजनक सीट
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दोनों दल एक दूसरे के पक्ष में खड़े
रासबिहारी
नईदिल्ली: महागठबंधन पर उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख दलों ने कांग्रेस को एक किनारे करने की चाल चली है।
समझा जाता है कि चुनाव करीब आने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में बन रहे माहौल का
दोनों ही दल राष्ट्रीय लाभ उठाना चाहते हैं।
इन दोनों दलों ने प्रारंभिक चुनावी सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी होने के बाद
उत्तर प्रदेश की स्थिति का लाभ पूरे देश में उठाना चाहते हैं।
चुनावी सर्वेक्षण में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि उत्तरप्रदेश से ही दिल्ली दरबार का रास्ता खुलेगा।
इस राज्य में सपा और बसपा के बिना कांग्रेस को सफलता मिलने की बहुत कम उम्मीद है।
इसलिए दोनों ही दलों ने एक-दूसरे का पूरक बनते हुए अन्य राज्यों में भी कांग्रेस से सीट झटकने की चाल चली है।
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से बात किए बिना मध्यप्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन संभव नहीं है।
महागठबंधन पर अब कांग्रेस को तय करना है
कांग्रेस को तय करना है कि गठबंधन होगा या नहीं।
श्री यादव ने मध्यप्रदेश के खजुराहो में बताया कि उनकी पार्टी का मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) से गठबंधन हो गया है और बसपा से गठबंधन की बात चल रही है, जो जल्दी पूरी हो जाएगी।
गोंगपा द्वारा 230 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बारे में बताया गया कि यह अफवाह है,
दोनों दलों में गठबंधन है। सपा मध्यप्रदेश में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी,
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गठबंधन होने के बाद ही यह तय होगा कि
कौन पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सपा ने छह उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है
और शेष की घोषणा भी जल्द की जाएगी।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा गाय की बात करती है, लेकिन उत्तर प्रदेश से भी ज्यादा स्लाटर हाउस मध्यप्रदेश में हैं।
मध्यप्रदेश विकास के मामले में पीछे छूट गया है।
यहां व्यापमं जैसा बड़ा घोटाला हुआ, तो वहीं खनिज नीति पर भी सवाल उठ रहे हैं।
प्रदेश में अतिथि शिक्षक और रसोइये आज भी अत्यंत कम पैसे पाकर दुखी हैं।
महागठबंधन में बसपा किसी से भीख नहीं मांगेगी
दूसरी तरफ बसपा प्रमुख ने साफ कर दिया है कि वह सीटों के लिए किसी से भीख नहीं मांगेगी।
मायावती ने कहा है कि कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और 2019 के आम चुनावों में सम्मान जनक सीटें मिलने पर ही उनकी पार्टी महागठबंधन में शामिल होंगी।
सुश्री मायावती ने कहा कि यदि उनकी पार्टी को ‘सम्मानजनक सीटें’ नहीं मिली तो पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि बसपा दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ सवर्ण समाज के गरीबों के सम्मान और स्वाभिमान के साथ कभी समझौता नहीं कर सकती।
इसके लिये वह कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की प्रताड़ना झेलने के लिये तैयार है।
बसपा नेता ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस से इन वर्गों के व्यापक हित और सम्मान की उम्मीद भी नहीं की जा सकी लेकिन इनका अपमान भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इसीलिए बसपा ने चुनावी गठबंधन के लिये ‘सम्मानजनक सीटें’ मिलने एकमात्र की शर्त रखी गयी है।