बोकारो: बोकारो इस्पात कामगार यूनियन (एटक), इस्पात मजदूर मोर्चा (सीटू), सेंटर
ऑफ स्टील वर्कर्स (एक्टू) एवं बोकारो स्टील सेंट्रल वर्कर्स यूनियन (एआईयुटीयूसी) द्वारा
संयुक्त रुप से बिरसा चौक पर केंद्र सरकार की किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ
प्रदर्शन के लिए दिल्ली जा रहे लाखों किसानों को दिल्ली से बाहर हीं रोकने, दिल्ली में
प्रदर्शन नहीं करने देने और किसानों पर जानलेवा हमला केंद्र सरकार द्वारा किए जाने के
खिलाफ प्रतिरोध सभा किया गया। प्रतिरोध सभा के माध्यम से किसानों के खिलाफ केंद्र
सरकार द्वारा की जा रही नृशंस कार्रवाई की कड़ी निंदा की गई। बोकारो इस्पात यूनियन
एवं अन्य श्रमिक संगठनों के वक्ताओं ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से
ग्रस्त किसानों, मजदूरों, आमजनों पर केंद्र सरकार लगातार हमला कर रही है। किसानों के
पैदावार को उचित दाम मिल सके, इसके लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस किसानों के उत्पाद
धान गेहूं पर सरकार द्वारा दिए जाने की व्यवस्था रही है। जिससे किसानों को कुछ राहत
मिलती थी। इस वर्ष कृषि कानून बनाकर एमएसपी को समाप्त करने की साजिश सरकार
के द्वारा की गई है। साथ ही साथ कृषि क्षेत्र में बड़े पूंजीपतियों को जगह देकर किसानों की
जमीन भी हड़पने की छूट दे दी गई है। किसानों को अपनी फसल का ना तो उचित दाम
मिलेगा और ना ही उनकी जमीन उनके पास रह सकेगी। किसानों को गुलाम बनाने की
तैयारी केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है बोकारो के मजदूर किसानों के आंदोलन का
समर्थन करते हैं।
बोकारो इस्पात के तमाम संगठनों के किसानो का समर्थन किया
बोकारो इस्पात से जुड़े श्रमिक संगठनों ने यह मां की है कि किसान विरोधी कृषि कानून को
अविलंब वापस लिया जाए। सभा की अध्यक्षता आईडी प्रसाद ने किया। सभा को सीटू के
बीडी प्रसाद, केएन सिंह, आरके गोरांई, एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह, सत्येंद्र कुमार, बीके
लाहिरी, एक्टूं के देवदीप सिंह दिवाकर, जेएन सिंह, एआईयुटीयुसी के मोहन चौधरी,
आरएस शर्मा ने संबोधित किया। कार्यक्रम में सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
[…] रखे 25 हजार रुपए निकल लिया। दूसरी घटना बोकारो फ्लेम […]