- दल बदलकर आने वालों के लिए दरवाजे फिलहाल बंद
एस दासगुप्ता
कोलकाताः पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा ने अचानक अपनी रणनीति में बदलाव किया
है। तृणमूल कांग्रेस छोड़कर सामूहिक तौर पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वालों को
अब रोक दिया गया है। विधानसभा चुनाव के करीब आने के बीच भाजपा के इस फैसले को
गंभीरता से लिया जा रहा है। यह तो स्पष्ट हो चुका है कि इस बार के पश्चिम बंगाल के
विधानसभा चुनाव में टीएमसी का मुख्य मुकाबला भाजपा से ही होगा। ऐसी मौके पर
अनेक टीएमसी नेता पहले ही खेमाबदल कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं।
लेकिन अब ऐसे सामूहिक योगदान पर रोक लगायी गयी है। इस बारे में भाजपा के राष्ट्रीय
महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ऐसा फैसला लिया गया है। बताते चलें कि श्री
विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल के प्रभारी महासचिव भी हैं। इससे पूर्व तृणमूल छोड़कर आने
वाले मुकुल राय को भाजपा में बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है।
पश्चिम बंगाल शुभेंदु अधिकारी को भी केंद्र ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त पद दिया है
नंदीग्राम के हैवीवेट नेता समझे जाने वाले शुभेंदु अधिकारी को भी केंद्र सरकार ने कैबिनेट
मंत्री का दर्जा प्राप्त पद दिया है। इसके बाद कई विधायक और प्रमुख नेता खेमाबदल कर
भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इस बारे में टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने कल ही
टिप्पणी की थी कि भाजपा का वाशिंग मशीन फिर से चालू हो गया है। जितने दागदार
लोग थे, वे धीरे धीरे उस तरफ अपना दाग धोने जा रहे हैं। ऐसा लोग इसलिए कर रहे हैं
ताकि विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच से बच सकें। उनका यह खास इशारा
मुकुल राय और शुभेंदु अधिकारी की तरफ था। इस बारे में श्री विजयवर्गीय ने कहा कि
फिलहाल सामूहिक तौर पर अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल कराने
पर रोक लगायी गयी है। आगे से सिर्फ लोगों की पहचान कर उन्हें दल में शामिल होने की
अनुमति दी जाएगी। खास तौर पर वैसे नेताओँ को पार्टी में जगह नहीं दी जाएगी, जो
ममता के शासनकाल के दौरान आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
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