रांचीः नौकरी को लेकर आंदोलन किन कारणों से इस पर भी भाजपा नेताओं को अपना
विचार रखना चाहिए। वे यह स्वीकार करने से हिचकते हैं कि इन परेशानियों की असली
वजह पूर्व सरकार की गलत नीतियां हैं, जिनकी वजह से अब यह परेशानी उत्पन्न हो रही
है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डा
राजेश गुप्ता छोटू ने कहा है कि नौकरी को लेकर जितने भी संगठन व अभ्यर्थी
आंदोलनरत हैं, उन सभी के जड़ में पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार की गलत नीतियां रही हैं ।
शनिवार को रांची के बिरसा चौक में धरना प्रदर्शन में बैठक 14वें वित्त आयोग कर्मचारी
संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात पर पलटवार करते हुए कहा कि युवाओं की यह दयनीय
हालत कर देने वाले भाजपा नेता आज उनकी मुश्किलों पर राजनीतिक रोटी सेंकने का
प्रयास कर रहे है और घड़ियाली आंसू बहा रहे है, जबकि हकीकत यह है कि इन सारी
समस्याओं की जननी भाजपा नेता ही है। वर्ष 2016-17 और उससे पहले विभिन्न विभागों
में नियुक्ति के नाम पर युवाओं को सिर्फ छलने का काम किया है, यदि सारी नियुक्तियां
नियम-कानून के मुताबिक होती,तो सारे मामले उसी समय सुलझ जाते थे, परंतु रघुवर
दास सरकार का मकसद युवाओं को नौकरी नहीं देना था, बल्कि राज्य के खजाने का
लूटपाट करना था, इसी कारण कई मेगा इवेंट कराये गये, कभी 1.38लाख एक साथ नौकरी
देने के नाम पर लोगों को ठगा गया, तो कभी मोमेंटम झारखंड के नाम पर देश-दुनिया को
छलने का काम किया गया।
नौकरी देने के वक्त में हाथी उड़ा रही थी सरकार
भाजपा के शीर्ष नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही दो करोड़ नौकरी तथा खजाने में 15
लाख रुपये जमा करने की बात को जुमला बताकर अपने वायदे से मुकर जा रहे थे, उनकी
पार्टी के नेता भी स्वभाविक रूप से उनके पदचिह्नहों पर लोगों को मुर्ख बनाने का काम
करेंगे ही। इसलिए भाजपा के नेताओं को बयान देने के पहले रघुवर शासन में क्या कुछ
हुआ है उसके बारे में गंभीरता से सोच विचार लेना चाहिए। वरना हर बार बयान देने के बाद
उनकी इसी तरीके से भद पिटती रहेगी।
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[…] में सिर्फ शिक्षकों की ही हजारों नियुक्तियां होने वाली हैं। […]