
रांची: सरयू राय के उठाए मुद्दे पर भाजपा चुप है, पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को दिया पत्र अखबारों में छपने पर पार्टी ने उनको घेरा है।
भाजपा कार्यालय में हुई प्रेस वार्ता में पूछे गए सवाल पर प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने कहा है कि इस प्रकरण में सबसे गंभीर सवाल यह है कि मंत्री द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष के यहां दिया गया पत्र लीक कैसे हुआ।
दीपक ने कहा कि मंत्री सरयू राय का पत्र हमलोगों ने अखबारों में पढ़ा।
मंत्री ने प्रदेश कार्यालय को उस पत्र की कोई प्रतिलिपि नहीं दी है, न ही हमें कहीं से उस पत्र की कोई कॉपी ही मिली है।
चूंकि अखबारों में छपा है कि उन्होंने पत्र केंद्रीय नेतृत्व को दिया है।
वे वहां से सीधे बात कर रहे हैं, ऐसे में इस बारे में कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है, यह मामला केंद्र के पास है।
केंद्र इस पर निर्णय लेगा, लेकिन अगर उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र दिया है तो वह लीक कैसे हुआ, यह एक गंभीर सवाल है।
पर, इतना स्पष्ट है कि इससे पार्टी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
पार्टी की जो कार्यपद्धति है, उसका पालन होगा।
अनुशासनहीनता का विषय प्रदेश अध्यक्ष का विषय है।
प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा इस पर विचार करेंगे।
इधर, प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष
अमित शाह को लिखी गई चिट्ठी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चिट्ठी देखा और न पढ़ा
उससे पहले ही इसे सार्वजनिक कर दिया गया। यह भाजपा की परंपरा के खिलाफ है।
भाजपा में अखबारों के जरिए संवाद करने की परंपरा नहीं है।
सरयू राय पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री हैं।
उन्हें लगता है कि प्रदेश में उनकी बातें नहीं सुनी जा रही है, तो राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के लिए अलग से प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त कर रखा है।
वहां ये अपनी बातों को रख सकते थे।
लेकिन उनके द्वारा मीडिया में हाल में दिए गए बयान को पार्टी दुर्भाग्यपूर्ण मानती है।
सार्वजनिक रुप से दिए गए ऐसे बयानों से परहेज किया जा सकता था।
सरयू राय ने कहा लीक हुआ तो जिम्मेदारी मेरी
खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को दिया गया पत्र अगर लीक हुआ है तो, उसकी जिम्मेवारी मेरे ऊपर है।
मैं किसी दुविधा में नहीं हूं। पर, केवल पत्र के लीक होने पर ही जोर देनेवालों को पत्र में उठाए मुद्दे पर भी जवाब देना चाहिए।
पत्र में जो विषय आए हैं, उस पर भी उन्हें बोलना चाहिए।
चिट्ठी में जो बिंदु उठाए गए हैं, उस पर बोलें कि वह सही है या गलत?
मंत्री ने कहा – इस मसले पर बोलने वाले पार्टी पदाधिकारी और प्रवक्ता यह बताएं कि
तीन माह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री को लिखित रूप से जो पत्र दिया गया था, उस पर क्या हुआ?
कोई कार्रवाई हुई भी क्या? क्या वह पत्र कहीं पर लीक हुआ?
मंत्री ने कहा – वह सारे विषय तो कहीं लीक नहीं हुए।
वह तो किसी अखबार में नहीं छपे।
राय ने कहा – मैंने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री को लिखित रूप से पत्र दिया था।
उन दोनों से मिलकर भी इन सभी विषयों पर बातें की थीं।
पर, उस पर तो कुछ भी नहीं हुआ।
ऐसे में उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र दिया है।
इस पत्र में भी वहीं सब बातें हैं जो पूर्व में उठाए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को दिए गए पत्र में ऐसा कुछ भी नहीं, जो आपत्तिजनक हो।