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अश्लील और भड़काऊ संगीत पर रहेगा प्रतिबंध : डीजीपी
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सोशल मीडिया पर पुलिस की निरंतर निगरानी रहेगी
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पटना से सभी जिलों में भेजा गया है विशेष निर्देश
दीपक नौरंगी
भागलपुर: सरस्वती पूजा से लेकर माता की प्रतिमा के विसर्जन तक इन बातों पर विशेष
ध्यान रखें। सरस्वती पूजा को लेकर राज्य के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल ने सभी जिलों
के एसएसपी व एसपी को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया। डीजीपी ने कहा
है कि पूजा के दौरान सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
वीडियो में समझ लीजिए क्या कुछ निर्देश जारी है
डीजीपी के निर्देश के बाद भी यदि बिहार के किसी भी जिले में नियम का अनुपालन नहीं
करते हुए किसी प्रकार की लापरवाही पाई गई तो पुलिस मुख्यालय स्तर से कार्रवाई किए
जाने की पूरी संभावना बताई गई है। इस दौरान अश्लील और भड़काऊ संगीत पर पूरी तरह
से प्रतिबंध रहेगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस कानूनी कार्रवाई
करेगी। खासकर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिलों में स्थित पुलिसकर्मियों की तैनाती
की गई है। डीजीपी ने निर्देश दिया है कि कोविड-19 को लेकर केन्द्र तथा राज्य सरकार
द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। पूजा के पूर्व पूजा
समितियों से वार्ता कर उन्हें कोविड-19 के अभी भी होने वाले संक्रमण के खतरों से अवगत
कराते हुए पंडालों में श्रद्धालुओं के बीच यथोचित दूरी रखने, सेनेटाईजर की व्यवस्था करने,
पण्डाल में प्रवेश करने के पूर्व प्रत्येक के चेहरे पर मास्क होने तथा कोविड-19 से संबंधित
प्रेरित किया जाए।अन्य आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों को लागू करने हेतु स्थापित की
जाने वाली प्रतिमाओं के विसर्जन के क्रम में विसर्जन जुलूस में शामिल होने वाले लोगों की
संख्या यथासंभव सीमित की जाए।विसर्जन में सम्मलित होने वाले प्रत्येक व्यक्ति मास्क
का उपयोग करें। विसर्जन जुलूस में अबीर तथा गुलाल का प्रयोग वर्जित हो अबीर गुलाल
एक दूसरे को जुलूस लगाने के लिए एक दूसरे को स्पर्श करने से कोरोना के संक्रमण की
प्रबल संभावना रहेगी।
सरस्वती पूजा से जुड़े हर विषय पर पुलिस की नजर बनी रहे
पूजा के पूर्व थाना स्तर से लेकर जिला स्तर तक शांति समिति की बैठक निश्चित रूप से
कर ली जाए। शरारती तत्वों पर निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। विवादास्पद स्थलों पर
प्रतिमा तथा पूजा पण्डालो के स्थापित किये जाने पर रोक लगायी जाए। विवादास्पद
कार्टून, झाँकी पर रोक लगायी जाए। शत-प्रतिशत जुलूस लाईसेन्स (शर्तों के अधीन)
निर्गत की जाए। विसर्जन मार्गो का भौतिक सत्यापन किया जाए। विवादित मार्गो पर
जाने से रोक लगायी जाए। विसर्जन जुलूस की वीडियोग्राफी करायी जाए। विसर्जन जुलूस
में हथियारों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगायी जाए। संवेदनशील स्थलों पर बल तथा
दण्डाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाए। डीजे पर रोक लगायी जाए अश्लील और
भड़काऊ संगीत पर प्रतिबंध लगाया जाए। विसर्जन के घाटों की पूर्व समीक्षा कर आवश्यक
प्रशासनिक प्रबंधन किये जाए।विसर्जन घाटों पर बल, दण्डाधिकारी, चिकित्साकर्मी,
गोताखोर, एसडीआरएफ तथा एम्बुलेंस की प्रतिनियुक्ति की जाए। बलपूर्वक चंदा वसूली
पर रोक लगायी जाए। सोशल मीडिया पर निगरानी रखी जाए।
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