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कभी भी उलटफेर की स्थिति में है गणना
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अनेक सीटों पर वोट का अंतर एक सौ से कम
पटनाः धीमी गति से जारी मतगणना ने बिहार के सभी राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ा
रखी हैं। चुनाव से जुड़े अधिकारी यह मान रहे हैं कि इस चुनाव के बारे में इतनी जल्दी कोई
आकलन नहीं किया जा सकता है। कमसे कम पचास फीसदी वोटों की गिनती होने के बाद
ही स्थिति साफ हो पायेगी। इसी वजह से चुनाव पैटर्न पर लोगों की निगाहें लगी हुई हैं।
प्रारंभिक चरण के मतों की गणना में यह देखा गया है कि सीमांचल के इलाकों में यादव
और मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के खिलाफ हिंदू वोट के एकजुट होने से भाजपा को
फायदा हुआ है। अभी तक के चुनाव रुझानों से यह स्पष्ट है कि भाजपा को इस बार जदयू
के मुकाबले अधिक सीटें मिलने जा रही हैं।
धीमी गति के मतदान से फंसा है एक्जिट पोल भी
बिहार विधानसभा चुनाव की आज जारी मतगणना के रुझान में दोपहर एक बजे तक
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 127 जबकि महागठबंधन के प्रत्याशी 106 सीट पर
आगे चल रहे हैं। राज्य निर्वाचन कार्यालय से मतगणना के अब तक के मिल रहे रुझान में
राजग के घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे अधिक 74 सीट पर बनाए हुए है।
वहीं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के 48 उम्मीदवार, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी)
के चार और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) का एक प्रत्याशी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी
से आगे हैं। वहीं, महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय जनता दल 66, कांग्रेस 21, भारत की
कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) 13 तथा भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी (भाकपा) एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) तीन-तीन सीट पर बढ़त बनाए
हुए हैं। इसी तरह आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन तीन, बहुजन समाज
पार्टी (बसपा) दो, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) एक और चार निर्दलीय उम्मीदवार आगे
चल रहे हैं। लेकिन इनमें कभी भी फेरबदल की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा
सकता। अधिकांश सीटों पर वोटों का अंतर एक हजार से कम है जबकि कुछेक सीटें ऐसी
भी हैं जहां दोनों प्रमुख प्रत्याशियो के बीच अब भी एक सौ से कम वोटों का अंतर है, जो
कभी भी बदल सकता है ।
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