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विदेश मंत्रालय ने सफाई दी हमारी नजर है
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चीनी गांव में 101 मकान बनाये गये हैं
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सुभानसिरी जिला में स्थित है इलाका
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भारतीय सीमा के 8.5 कि. मी अंदर
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी: बड़ा खुलासा चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के काफी अंदर घुसकर अपना गांव
बसा लेने का हुआ है। एक भाजपा नेता ने यह बड़ा खुलासा किया है कि चीन अरुणाचल
प्रदेश में साढ़े आठ किलोमीटर के दायरे में गांव बसाया है। उन्होंने बताया कि इस गांव में
करीब 101 मकान भी बनाए गए हैं। यह गांव अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक भारतीय
सीमा के लगभग 8.5 किमी अंदर स्थित है। यह गांव चू गांव के अंदर बस गया है। यह
गांव अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुभानसिरी जिले में स्थित है। चीन का यह गांव भारत की
सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है। भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा है कि वह
भारतीय जमीन पर चीनी कब्जे के सवाल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत करेंगे।
अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा गांव बसाए जाने के बड़ा खुलासा होने पर खबरों पर
विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। मंत्रालय ने कहा है-हमने भारत के साथ लगती सीमा पर
चीन द्वारा निर्माण की खबरें देखी हैं। चीन इस तरह की विवादित निर्माण गतिविधि बीते
कई वर्षों से कर रहा है। इसी के जवाब में भारत की तरफ से भी सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर
बढ़ाया जा रहा है। हम सड़कें पुल आदि बना रहे हैं जिससे स्थानीय लोगों की लंबे समय की
मुश्किलें हल हो सकें।
मंत्रालय के मुताबिक सीमाई इलाकों पर लगातार निगाह बनाई हुई है और देश की संप्रभुता
और सीमाई अखंडता को बचाए रखने के सभी कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार सीमाई
इलाकों में निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है जिससे वहां के स्थानीय लोगों की जिंदगी सुचारू रूप
से चल सके। इन इलाकों में अरुणाचल प्रदेश भी शामिल है।
बड़ा खुलासा के पहले भी इस बात की चर्चा हुई थी
गौरतलब है कि इससे पहले रिपोर्ट आयी थी, जिसके मुताबिक चीन ने अरुणाचल प्रदेश में
एक गांव बसा लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने इस गांव में करीब 101 घर भी बना
लिए हैं। त्सारी चू नाम का यह गांव अरुणाचल प्रदेश में वास्ततविक भारतीय सीमा के
करीब 8.5 किमी अंदर स्थित है। यह गांव अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में
स्थित है। इस गांव के किनारे त्सारी चू नाम की नदी भी बहती है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन
का यह गांव भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। यह गांव तसारी चू नदी के
तट पर स्थित है। यह वही इलाका है जहां दोनों देश लंबे समय से विवादों में हैं और उनकी
पहचान सशस्त्र लड़ाई की जगह के रूप में रही है। इस गांव को हिमालय की पूर्वी रेंज में
बनाया गया है कुछ ही समय पहले जून दशकों में दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष के बाद
गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
जून में गलवान घाटी में हिंसक संघर्ष हुआ था
हालांकि तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि चीन के इस गांव में भारत के लिए कोई सड़क
नहीं है और न ही कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर है। इससे पहले नवंबर 2020 में बीजेपी के अरुणाचल
प्रदेश के सांसद तापीर गावो ने लोकसभा में चेतावनी दी थी कि उनके राज्य में चीन की
घुसपैठ बढ़ रही है। उन्होंने अपर सुभानसिरी जिले का विशेष रूप से जिक्र किया। गावो ने
अब बताया कि चीन का निर्माण अभी भी जारी है। अगर नदी मार्ग पर नजर डालें तो चीन
60 से 70 किलोमीटर दूर सुभानसिरी जिले में सीमा में प्रवेश कर चुका है।चीन के इस
विवादित काम के बाद चीन सरकार के इस जवाब को लेकर बहुत गुस्सा हो रहा है। इस
बीच, भारतीय सेना के तेजपुर में 4 कोर मुख्यालय के लेफ्टिनेंट जनरल ने अरुणाचल
प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ भारत की सैन्य तैयारियों की व्यापक
समीक्षा की।
वहां के सैन्य कमांडर ने कहा निर्देश मिलने पर जबाव देंगे
कमांडर ने समीक्षा करते हुए इस संवाददाता से बात करते हुए कहा कि इसका मुंहतोड़
जवाब दिया जाएगा, भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल ने चीन से कहा, पागल होकर
गड़बड़ काम करना और बात करना बंद करो, अगर चीन भारत को परेशान करना बंद नहीं
करता है, तो चीन को जवाब दिया जाएगा। भारत किसी से कम नहीं है।
राष्ट्रीय खबर की बात फिर सही साबित हुई
राष्ट्रीय ख़बर की रिपोर्ट बिल्कुल सच साबित हुई। कुछ महीने पहले, हमारे अखबार ने
प्रकाशित किया था कि चीन ने भारत में प्रवेश किया है और अपना गांव बना रहा है, अब
यह रिपोर्ट सच्चाई से पूरी तरह बदल गई है।चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक नए गांव का
निर्माण किया है, जिसमें लगभग 101 घर शामिल हैं, विशेष रूप से राष्ट्रीय खबर द्वारा
प्राप्त उपग्रह छवियों को दिखाते हैं । राष्ट्रीय खबर द्वारा संपर्क किए गए कई विशेषज्ञों
द्वारा विश्लेषण किया गया है, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि वास्तविक सीमा के
भारतीय क्षेत्र के भीतर लगभग 7.5 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर निर्माण भारत के
लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय होगा। तसारी चू नदी के तट पर स्थित यह गांव अपर
सुबासिरी जिले में स्थित है, जो एक ऐसा क्षेत्र है जो भारत और चीन द्वारा लंबे समय से
विवादित रहा है और सशस्त्र संघर्ष से चिह्नित किया गया है ।
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