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कोरोना से बचाव के 26 दिशा निर्देश जारी किये गये
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कुमारी पूजा का आयोजन ढाका में इस बार नहीं
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पूजा के विसर्जन की शोभा यात्रा भी नहीं होगी
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रात नौ बजे के बाद मंदिर में प्रवेश बंद रहेगा
अमीनूल हक
ढाकाः बांग्लादेश में दुर्गा पूजा की धूम मची हुई है। कोरोना की भीषण विभीषिका के बाद
भी लोगों के उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आ रही है। लेकिन यह स्पष्ट है कि इस बार के
पूजा के आयोजन पर कोरोना वायरस से बचाव के निर्देश हावी हैं।
साथ में देखिये यह खास वीडियो रिपोर्ट
सरकार की तरफ से इसके लिए कुछ 26 निर्देश जारी किये गये हैं। सभी पूजा पंडाल के
आयोजकों को निर्देश दिया गया है कि वे यथासंभव इन निर्देशों का आम जनता पालन
करे, उस पर पूरा ध्यान दें।
यह प्रचलित सत्य है कि बंगालियों का सबसे बड़ा त्योहार ही यह दुर्गा पूजा है। इस बार
बांग्लादेश में सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी हिदायतें दी गयी हैं। पूजा पंडालो मे प्रतिमाओं का
आकार पूर्ववत ही है। दशभूजा महामाया की त्रिनयनी स्वरुप को देखने का इंतजार भक्तों
को सालों भर रहता है। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो इस बार बांग्लादेश में कुल
मिलाकर 30,213 दुर्गा पूजा पंडाल बनाये गये हैं। सरकार ने भी इसे अपने लिए एक चैलेंज
के तौर पर लिया है। लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए खास इंतजाम किये गये
हैं। सबसे अधिक दुर्गा पूजा चटगांव में हो रहे हैं। जहां श्रद्धालुओं और खास कर बच्चों की
भीड़ अभी से ही पंडालों में जुटने लगी है। वैसे सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस बार पूजा
के आयोजन की संख्या कम हुई है। पिछली बार पूरे देश में 30,398 स्थानों पर पूजा का
आयोजन किया गया था।
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा में कोरोना से बचाव भी प्रभावी
इस बार के सरकारी निर्देशों के मुताबिक विजयदशमी पर कोई शोभायात्रा नहीं निकाली
जाएगी। कोविड 19 के खतरों को देखते हुए ऐसा निर्देश जारी किया गया है, जिसे सभी
पूजा के आयोजकों ने स्वीकार भी कर लिया है। घोषित कार्यक्रम के मुताबिक सप्तमी के
दिन पूरे विश्व की मानव जाति के कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन
किया जाएगा।
ढाका के विश्व प्रसिद्ध ढाकेश्वरी काली मंदिर में आज आयोजित एक पत्रकार वार्ता में
राष्ट्रीय पूजा आयोजन परिषद के पदाधिकारियों ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी।
यह स्पष्ट कर दिया गया कि किसी भी मंदिर में रात नौ बजे के बाद किसी भी भक्त का
प्रवेश वर्जित रहेगा। सुरक्षा के लिए ऐसे प्रावधान का कड़ाई से पालन किया जाएगा। इस
पत्रकार वार्ता में बताया गया कि भीड़ से बचने के उपायों की वजह से इस बार की पूजा में
कुमारी पूजा का आयोजन नहीं हो रहा है। वैसे आयोजकों ने कहा कि हो सकता है कि ढाका
के बाहर कुछ पूजा आयोजक इसका आयोजन करें। लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए
ही कुमारी पूजा नहीं करने का फैसला लिया गया है।
कोरोना के बाद भी प्रतिमा के आकार अथवा साज सज्जा पर कोई सरकारी निषेध नहीं है।
कोरोना संकट के बीच भी पूजा का आयोजन हो पा रहा है, यही उनके लिए बड़े संतोष की
बात है। इस पूजा परिषद में पत्रकारों से वार्ता में अध्यक्ष मिलन कांति दत्त, महासचिव
निर्मल कुमार चटर्जी सहित केंद्रीय कमेटी के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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