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पाठक जी को दूसरे पाठक जी की जांच ने पकड़ा
प्रतिनिधि
बनारसः नेपाल विरोधी वीडियो की जांच हुई तो पाठक जी एक दूसरे पाठक जी की पहल
पर रंगे हाथों पकड़े गये हैं। दरअसल यहां वायरल हुए एक वीडियो में एक शख्स नजर
आया था, जिसे कुछ कथित रामभक्त एक नेपाली व्यक्ति पर नेपाल विरोधी नारा लगाने
का दबाव डाल रहे थे। इसके क्रम में उस व्यक्ति से नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली के
खिलाफ भी आलोचना करने को कहा जा रहा था। वीडियो को लेकर विवाद उपजा तो
पुलिस ने मामले की जांच प्रारंभ कर दी। चूंकि इस वीडियो को अरुण पाठक ने ही अपलोड
किया था इसलिए एसएसपी अमित पाठक के निशाने पर अरुण पाठक आ गये हैं। पुलिस
कप्तान यानी बनारस के एसएसपी अमित पाठक ने इस बार में बताया कि नेपाली
नागरिक से नारा लगाने के इस वीडियो को अरुण पाठक ने ही अपलोड किया है। अब राज
खुलने के बाद यह भी पता चल गया है कि उस वीडियो में अपनी नेपाली भूमिका अदा
करने के एवज में उस व्यक्ति को एक हजार रुपये भी मिले हैं।
नेपाल विरोधी वीडियो में काम के एवज में पैसे भी मिले
पुलिस को प्रारंभिक जांच में ही वीडियो की सत्यता पर संदेह था। जांच की गाड़ी आगे बढ़ी
तो सबसे पहले दो लोगों से पूछताछ हुई। उसके बाद इस सिलसिले में चार लोग पकड़े गये।
स्थानीय भेलुपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी में नेपाली बने शख्स की पहचान कर उसका नाम
अरुण पाठक बताया गया है। इस व्यक्ति का भी हिंदू संगठनों से जुड़ाव है। अब तक इस
मामले में छह लोगों को पकड़ा गया है। शनिवार को पुलिस ने दो अन्य लोगों को हिरासत
में लिया है। जिसे नेपाली बताकर वीडियो में पेश किया गया है, वह स्थानीय निवासी है
और वह मूल रुप से भारतीय ही है। यानी उसे नेपाली नागरिक की भूमिका के लिए राजी
किया गया था। उस व्यक्ति ने पुलिस के सामने बयान दिया है कि वीडियो में नेपाली
नागरिक की भूमिका के लिए उसे एक हजार रुपये दिये गये थे।
उसे नेपाली बनाकर पेश करने के लिए उसके सर के बाल साफ करा दिये गये थे। इस काम
के लिए राजेश राजभर और जय गणेश शर्मा गिरफ्तार किये गये हैं। लेकिन जांच में यह
भी स्पष्ट हो गया है कि जिस व्यक्ति को नेपाली बनाकर पेश किया गया है, उसकी
दिमागी हालत ठीक नहीं है और वह एक स्थानीय दुकान में काम करता है। उस व्यक्ति के
परिवार के अन्य सदस्यो का भी पता चल गया है ।
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