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अब स्कूल जाने के लिए भी हर दिन एक सौ रुपये
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बच्चियों को स्कूल आने का आकर्षण होगा
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शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा का एलान
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स्कूटी वितरण योजना पहले से ही लागू है
उत्तर पूर्व संवाददाता
गुवाहाटी: फरवरी में असम सरकार छात्राओं को स्कूटी देने का कार्यक्रम फिर से चालू
करेगी। कोरोना महामारी के कारण, सभी छात्र- छात्रों स्कूल आने से डरते हैं। इसीलिए
सरकार ने सभी छात्र- छात्रों को स्कूल लाने के लिए एक बड़ी योजना तैयार की है। असम
सरकार ने इस योजना को जनवरी महीने से शुरू किया है। असम के शिक्षा मंत्री हेमंत
बिस्व सरमा ने कहा कि उनकी सरकार छात्राओं का नियमित रूप से स्कूली कक्षाओं में
आना सुनिश्चित करने के लिए उन्हें स्कूटर और वित्तीय भत्ता देगी। हर छात्रा को प्रति
दिन के आधार पर 100 रुपये दिए जाएंगे। स्कूली खर्च के लिए लड़कियां इस राशि का
इस्तेमाल करेंगी। हेमंत बिस्व सरमा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में स्कूली लड़कियों के लिए असम
सरकार का बड़ा एलान करते हुए कहा कि उनकी सरकार अब स्कूल में पढ़ने वाली
लड़कियों को स्कूटर देगी। हालांकि,असम की राज्य सरकार 12 वीं बोर्ड की परीक्षा पास
करने वाले छात्रों को प्रज्ञान भारती योजना के तहत 22,000 दोपहिया वितरित कर रही है।
फरवरी में चालू होने वाली योजना पर 114 करोड़ से अधिक का खर्च
इस योजना पर 144.30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि
सरकार उन सभी छात्रों को स्कूटर मुहैया कराएगी, जिन्होंने राज्य बोर्ड से प्रथम श्रेणी में
उत्तीर्ण किया है। भले ही यह संख्या एक लाख को पार कर जाए। 2018 और 2019 में
प्रथम श्रेणी में कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली सभी छात्राओं को स्कूटर भी प्रदान
किया जाएगा।लड़कियों के लिए वित्तीय सहायता की योजना का एलान होना अभी बाकी
है। इस महीने के अंत तक असम सरकार इसकी घोषणा कर देगी। हेमंत बिस्व सरमा ने
कहा कि हर छात्रा को प्रति दिन के आधार पर 100 रुपये दिए जाएंगे। स्कूली खर्च के लिए
लड़कियां इस राशि का इस्तेमाल करेंगी। इसके साथ ही अंडरग्रेजुएट का कोर्स करने वाली
लड़कियों को 1500 रुपये और पोस्ट ग्रेजुएट लड़कियों को 2 हजार रुपये दिए जाएंगे।शिक्षा
मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि उन्होंने पिछले साल ही इस योजना को शुरू करने का
मन बनाया था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस पर विराम लग गया। सरमा सोमवार
को गुवाहाटी में एक साइकिल रैली में शामिल हुए जहां उन्होंने लड़कियों को स्कूटर
वितरित किया। असम में कोरोना के बीच पिछले 10 महीने से स्कूल बंद हैं लेकिन एक
जनवरी को इसे दोबारा खोल दिया गया है। सोमवार को साइकिल रैली के कार्यक्रम में
छात्रों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।अभी हाल में असम सरकार ने एलान किया था कि वर्षो
से चल रहे मदरसों को बंद कर दिया जाएगा और उसमें अन्य स्कूलों की तरह पढ़ाई होगी।
सरकारी खर्च पर मदरसों का संचालन नहीं होगा
सरकार आगे चल कर संस्कृत स्कूल भी बंद करेगी। सरकारी फंड से चलने वाले मदरसों
को बंद करने की योजना है। कुछ दिन पहले विधानसभा सत्र में मदरसों को बंद करने का
विधयेक भी पारित कर दिया गया। हेमंत बिस्व सरमा ने कहा था प्रदेश में अब धर्म
आधारित पढ़ाई नहीं होगी बल्कि आम स्कूलों की तरह मदरसे में भी पढ़ाई होगी। हालांकि
मदरसे के शिक्षकों या गैर-शिक्षण से जुड़े कर्मचारियों को नहीं हटाया जाएगा। हेमंत बिस्व
सरमाने एक सरकारी कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में पिछले साल प्रथम श्रेणी से
इंटर पास करने वाली छात्राओं को बाइक का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में 948
छात्राओं को स्कूटी दिया गया जबकि 15000 से ज्यादा छात्राओं को फरवरी में स्कूटी दिए
जाएंगे। मंत्री ने कहा कि सरकार छात्राओं को दोपहिया वाहन दिया जाना जारी रखेगी चाहे
एक लाख छात्राएं ही क्यों न प्रथम श्रेणी में इंटर पास करें। उन्होंने कहा कि 2020 में
22,245 छात्राओं ने प्रथम श्रेणी में इंटर पास किया है। इन छात्राओं को बाइक देने के लिए
सरकार 144.30 करोड़ रुपये खर्च करेगी।शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे बताया
कि जनवरी के अंत तक स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के बैंक खातों में 1,500 और
2,000 रुपये की राशि जमा की जाएगी। यह राशि उनकी पुस्तक और अन्य अध्ययन
सामग्री आदि की खरीद में सहायक होगी। उन्होंने आगे कहा कि दोनों वित्तीय प्रोत्साहन
योजना पिछले साल शुरू की जानी थी, लेकिन कोरोना के कारण शुरू नहीं हो सकी।
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