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मुंबई मामले के दस्तावेजों में सत्ता से करीबी का खुलासा
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पुलिस ने फाइल किया है लंबा चौड़ा चार्जशीट
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दोनों के बीच व्हाट्सएप पर हुई थी बातचीत
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अर्णव ने लिखा था बहुत बड़ा होने वाला है
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः अर्णव गोस्वामी को बालाकोट एयर स्ट्राइक की पूर्व जानकारी थी, यह
सवाल अचानक से विशाल होता चला जा रहा है। अगर यह बात सही है तो तय है कि उसे
यह सूचना उपलब्ध कराने वाले भी इसके दायरे में आयेंगे। कानून के जानकार मानते हैं
कि ऐसी सूचना सेना के उच्चाधिकारियों और सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों को होती है।
अगर यह सूचना किसी निजी व्यक्ति तक पहुंची है तो यह कानूनन एक गंभीर अपराध है।
मुंबई के मामले में अर्णव गोस्वामी के खिलाफ पुलिस द्वारा जो साक्ष्य प्रस्तुत किये गये
हैं, वे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हैं। मुंबई पुलिस फिलहाल
टीआरपी घोटाले की जांच कर रही है। इसी जांच के सिलसिले में अर्णव गोस्वामी और
बीएआरसी के पूर्व अध्यक्ष पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई बात चीत का विवरण अदालत में
प्रस्तुत किया गया है। इसी साक्ष्य में यह बात उभर कर आती है कि भारतीय वायुसेना के
बालाकोट एयरस्ट्राइक के बारे में अर्णव गोस्वामी को तीन दिन पहले से सूचना थी। यह
अपने आप में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर सवाल है। मजेदार स्थिति यह है कि अब
यह मामला सामने आने तथा अदालत में साक्ष्य दाखिल होने के बाद अर्णव की गिरफ्तारी
के वक्त विरोध करने वाले भाजपा नेता अब तक बयान देने से कतरा रहे हैं।
अर्णव गोस्वामी को सूचना जिसने दी वह भी दोषी
पुलिस द्वारा गोस्वामी और दासगुप्ता के बीच व्हाट्सएप पर जो संदेशों का आदान प्रदान
हुआ है, उसके मुताबिक अर्णव गोस्वामी ने पार्थो दासगुप्ता को तीन दिन पहले ही यह
बताया था कि कुछ बहुत बड़ा होने जा रहा है। संदेश के मुताबिक यह कोई छोटी मोटी
घटना नहीं होगी। इससे स्पष्ट है कि अर्णव गोस्वामी की पहुंच राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी
कार्रवाइयों की पूर्व योजना तक थी। 23 फरवरी को अर्णव गोस्वामी अपनी तरफ से पार्थों
को यह संदेश भेज रहे हैं जबकि बालाकोट एयरस्ट्राइक की घटना 26 फरवरी 2019 को घटी
थी।
34 सौ पन्ने की इस चार्जशीट में मुंबई पुलिस ने मुख्य रुप से अपना ध्यान टीआरपी के
घोटाले पर केंद्रित रखा है। इसमें जो तथ्य उजागर किये गये हैं, उसके मुताबिक केंद्र
सरकार तक अर्णव गोस्वामी की सीधी पहुंच थी जिसका लाभ वह पूर्व में मिल रही
जानकारियों के आधार पर अपने फायदे के लिए कर रहा था। अब जाहिर तौर पर यह
सवाल उठ गया है कि अगर इस किस्म की रक्षा संबंधी सूचनाएं अर्णव गोस्वामी तक पहुंच
रही थी तो यह सवाल भी स्वाभाविक है कि उसे कौन यह सारी जानकारी दे रहा था। स्पष्ट
तौर पर अर्णव गोस्वामी को इतनी संवेदनशील सूचनाएं उपलब्ध कराने वाला व्यक्ति भी
राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहा था। दोनों की बात चीत में जिस तरीके से किसी
का उल्लेख किया गया था, उससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों दरअसल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में ही बात करते रहे हैं। चुनाव के पहले ही अर्णव से पार्थो
दासगुप्ता को यह बता दिया था कि नरेंद्र मोदी बहुत अच्छी तरह लोकसभा का चुनाव
जीतने जा रहे हैं।
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