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सम्मेलन के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित हुए श्री केजरीवाल
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सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हैं : अरविंद केजरीवाल
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कोरोना काल में वर्चुअली हुआ इसका सारा आयोजन
राष्ट्रीय खबर
रांची/ नई दिल्ली / कोलकाताः आज मारवाड़ी समाज हर विधा में स्थापित है और कुशलता
के साथ अपनी सारी जिम्मेदारियों का संचालन भी कर रहा है। वरना एक समय था जब
मारवाड़ी समाज को सिर्फ उद्योग—व्यापार के लिए जाना जाता था, पर आज इस समाज
के लोग व्यापार के साथ—साथ कला, साहित्य, शिक्षा, संस्कृति, तकनीक आदि अन्य
क्षेत्रों में भी अपना उल्लेखनीय स्थान बना चुके हैं एवं देश की प्रगति में अतुलनीय
योगदान दे रहे हैं। ये उद्गार हैं दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के,
जो उन्होंने अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के 86वें स्थापना दिवस समारोह में
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए व्यक्त किये। समारोह का आयोजन वीडियो कान्फ्रेंस
के माध्यम से दिल्ली, कोलकाता एवं रांची से संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर
श्री केजरीवाल को सम्मेलन के सर्वोच्च सम्मान ‘मारवाड़ी सम्मेलन राजस्थानी व्यक्तित्व
सम्मान — 2019′ से अलंकृत भी किया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय, दिल्ली में उपस्थित
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन कुमार गोयनका, राजकुमार मिश्रा, लक्ष्मीपत भूतोड़िया व अन्यों
द्वारा माला-श्रीफल, तिलक, शॉल, मानपत्र एवं सम्मानित एक लाख रुपये की राशि का
चेक प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया।
आज मारवाड़ी समाज दूसरों के लिए भी अनुकरणीय हो गया
अपने सम्बोधन में श्री केजरीवाल ने कहा कि हमारी संस्कृति का आदर्श रहा है कि हम
अपने अर्जित धन का एक हिस्सा सामाजिक सेवाकार्यों में खर्च करें। आज मारवाड़ी समाज
द्वारा पूरे देश में निर्मित धर्मशाला, मंदिर, विद्यालय, कॉलेज, अस्पताल आदि दर्शाते हैं
कि ये अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन पूरी निष्ठा से करते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा
एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में मूलभूत सुधार, किसी भी समृद्ध समाज के लिए अति आवश्यक है।
इसके पूर्व दीप प्रज्जवलन कर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने
समारोह का विधिवत शुभारम्भ किया। लिपिका बंका गाड़ोदिया ने गणेश वन्दना की।
बतौर विशिष्ट अतिथि कोलकाता से वरिष्ठ लोकसभा सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा
कि आज मारवाड़ी समाज के लोग अत्यन्त शांतिप्रिय होते हैं और मांगने की बजाय देने में
विश्वास रखते हैं। इस मौके पर राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता, विधायक विनय मिश्रा
ने भी समाज के लोगों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
रांची से राष्ट्रीय अध्यक्ष गोवर्धन गाड़ोदिया ने अपने संबोधन किया
राँची से सम्मिलित सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया ने अपने
वक्तव्य में कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि राजनैतिक परिवर्तन सहज है किन्तु
सामाजिक परिवर्तन बहुत कठिन एवं समय लेने वाला कार्य है। सम्मेलन इसके लिए
निरंतर प्रयासरत है। सम्मेलन अपने स्थापनाकाल से ही, विभिन्न कार्यक्रमों एवं
संगोष्ठियों के माध्यम से, सामाजिक कुरीतियों एवं आडम्बरों के प्रति समाज को जागरूक
करने का कार्य कर रहा है। झारखण्ड प्रांतीय सम्मेलन के अध्यक्ष ओम प्रकाश अग्रवाल
एवं महामंत्री पवन शर्मा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पुष्प गुच्छ प्रदान कर स्वागत किया।इस
अवसर पर संयुक्त महामंत्री मनोज बजाज, सेवानिवृत्त न्यायाधीश रमेश मेरठिया, रतन
लाल बंका, बसंत मित्तल, सुरेशचंद्र अग्रवाल, ललित कुमार पोद्दार, ओमप्रकाश प्रणव,
नंदकिशोर पाटोदिया, अशोक नारसरिया, अरुण बुधिया, संजय जैन, चंडी डालमिया,
अनिल अग्रवाल व प्रदीप राजगढ़िया उपस्थित थे।
प्रधान वक्ता, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं समाजचिंतक सीताराम शर्मा ने कहा कि
आज मारवाड़ी समाज श्री केजरीवाल को अपने सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित कर,
मारवाड़ी सम्मेलन ने उनसे अधिक अपना सम्मान किया है। सम्मान को स्वीकार कर,
इन्होंने सम्मेलन का मान बढ़ाया है। मारवाड़ियों की साख बताते हुए उन्होंने कहा कि ‘न
खाता, न बही, जो मारवाड़ी कहे, वही सही’। उन्होंने इस साख को बनाये रखने की बात
कही। सामाजिक सुधार को उन्होंने सबसे बड़ा सुधार बताया।
देश के सभी कोनों से लोग वर्चुअली इसमें शामिल हुए
समारोह का कुशल संचालन सम्मेलन के राष्ट्रीय महामंत्री संजय हरलालका ने किया।
धन्यवाद-ज्ञापन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भानीराम सुरेका ने किया। राष्ट्रीय गान मनोज बजाज
ने किया। समारोह में सम्मेलन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षगण सर्वश्री नंदलाल रुँगटा,
हरिप्रसाद कानोड़िया, रामअवतार पोद्दार, प्रह्लाद राय अगरवाला एवं संतोष सराफ,
राष्ट्रीय उपाध्यक्षगण दरभंगा से पवन कुमार सुरेका, भुवनेश्वर से अशोक कुमार जालान,
गुवाहाटी से श्याम सुन्दर हरलालका, चेन्नई से विजय कुमार लोहिया, संयुक्त
महामंत्रीद्वय गोपाल अग्रवाल तथा सुदेश अग्रवाल, संगठन मंत्री बसन्त मित्तल,
कोषाध्यक्ष दामोदर प्रसाद बिदावतका सहित बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उत्कल,
पूर्वोत्तर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश,
उत्तराखण्ड, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना एवं केरल प्रदेश के पदाधिकारी-
सदस्यों ने वर्चुअली शिरकत की।
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