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किसान संगठनों ने चार सूत्री मांग पत्र दिया
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अन्य राज्यों से किसानो का पहुंचना जारी
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विरोध में भी ताली और ताली बजायी
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मन की बात के वक्त ही हुआ विरोध
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः आंदोलन तेज होने के साथ साथ दूसरे राज्यों के किसानों के पहुंचने का क्रम
आज भी जारी रहा। कई अन्य राज्यों के किसानों का जत्था भी दिल्ली के बाहर चार
धरनास्थलों पर पहुंचा। इसके बीच ही हरियाणा में हजारों किसानों को दिल्ली आने से
जगह जगह पर रोका गया है। यह सभी अपनी ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार होकर आ रहे हैं।
लगातार बढ़ती भीड़ की वजह से सभी इलाकों में सुरक्षा के इंतजाम भी पहले के मुकाबले
अधिक मजबूत किये गये हैं। किसानों को दिल्ली के अंदर प्रवेश करने से रोकने के लिए
लगाये गये अवरोधकों के सामने ही आंदोलनरत किसानों ने अपनी ट्रैक्टर ट्राली लगाकर
अपना अस्थायी ठिकाना भी बना लिया है। यह क्रम धीरे धीरे दूसरे इलाकों तक भी फैलता
जा रहा है। आज देश भर में प्रधानमंत्री के मन की बात के दौरान ही किसानों और उनके
समर्थकों द्वारा ताली और थाली बजाकर उनकी बातों का जोरदार तरीके से विरोध भी दर्ज
कराया गया है।
आंदोलन तेज होने के बीच किसान नेताओं का फैसला
इस बीच किसान नेताओँ ने आगामी 29 दिसंबर को वार्ता के लिए सहमति देते हुए अपने
चार सूत्री मांग से सरकार को अवगत करा दिया है। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने
कृषि विभाग के संयुक्त सचिव को यह पत्र भेजा है। इसके पहले गत 24 दिसंबर को
सरकार ने किसान संगठनों से वार्ता की तिथि तय करने का पत्र लिखा था। उसी पत्र के
उत्तर में अब यह एजेंडा केंद्र सरकार को सौंप दिया गया है। आंदोलन तेज होने के बीच ही
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओँ की बैठक में इन मुद्दों पर सहमति बनी है। इस किसान
मोर्चा में देश के चालीस किसान संगठन जुड़े हुए हैं। यह सभी आंदोलनकारी दिल्ली के
बाहर विभिन्न इलाकों में पुलिस की घेराबंदी के बाहर डेरा डाले हुए हैं। किसान संगठनों ने
अपनी मांग पत्र में कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के तरीकों पर बातचीत
होगी। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य के मसले पर केंद्रीय किसान आयोग की सिफारिशों
को कानूनी तौर पर लागू करने की लिखित घोषणा करनी होगी। किसानों ने इसके साथ ही
प्रदूषण के संबंध में नये कानून के तहत किसानों को दंडित करने की कार्रवाई पर भी रोक
लगाने की मांग की है।
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