Posted in Hindi News, दिल्ली, विज्ञान, समुद्री जीवन इंजेक्शन के द्वारा एक की याददाश्त भेजी दूसरे के ब्रेन में राष्ट्रीय खबर May 17, 2018 Leave a comment Spread the love नयी दिल्ली: अब वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क की याददाश्त स्थानांतरित करने की महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। न्यूरोसाइंस के वैज्ञानिकों का यह प्रयोग अब भविष्य किसी के भी याददाश्त को संरक्षित रखने तथा जरूरत के मुताबिक उसे समझने लायक भी बना सकेगा। प्राथमिक तौर पर एक प्राणी से दूसरे प्राणी तक याददाश्त भेजने का प्रयोग सफल हुआ है। एक शोध पत्रिका में इस प्रयोग की सफलता की जानकारी दी गयी है। वैज्ञानिकों ने यह प्रयोग घोंघा प्रजाति पर किया था। शोध दल ने आरएनए इंजेक्शन के जरिए याददाश्त भेजने की विधि आजमायी थी, जो सफल रहा है। प्रयोग के तौर पर वैज्ञानिकों ने एक खास किस्म के घोंघे (स्नैल अप्लिसिया कैलिफोर्निका) पर यह प्रयोग किये हैं। इनमें से कुछ घोंघे को जब झटका दिया गया तो वे अपने शरीर के बाहरी हिस्सों को खोल के अंदर सिकुड़ना सीख गये। पानी में रहने वाले इस जीवों को कई बार जब इस प्रयोग से गुजारा गया तो वे अपने बचाव में खोल के अंदर रहना भी सीख गये ताकि इस किस्म के झटकों से बचाव हो सके। इस विधि को समझ लेने के बाद इन्हीं घोंघों को फिर से सिर्फ छुआ गया। स्पर्श पाते ही घोंघों ने अपनी सूंड और कान की झिल्ली अंदर कर ली। यानी वे स्पर्श के करीब आते ही बचाव की मुद्रा में आना सीख गये थे। ऐसा अनेक बार किया गयो तो प्रयोग के दायरे में लाये गये घोंघों ने स्पर्श के साथ ही अपने खोल के अंदर सिमटने की प्रक्रिया अपना ली। इस किस्म के प्रयोग से गुजर चुके घोंघों के आरएनए को उनके स्रायुतंत्र से निकाला गया। यही आरएनए को विशेष प्रक्रिया के इंजेक्शन के माध्यम से दूसरे घोंघों में डाला गया। इस आरएनए को नये घोंघों के स्रायुतंत्र में शामिल करने के बाद जब इन नये घोंघों के भी स्पर्श किया गया तो वे भी झटकों से बचाव अपने आप ही सीख चुके थे। इससे साबित हुआ कि झटकों से बचाव का यह तरीका एक घोंघा से दूसरे घोंघा तक याददाश्त ट्रांसफर के जरिए पहुंच चुका था। इस किस्म का प्रयोग कई घोंघों पर करने के बाद ही वैज्ञानिकों ने याददाश्त स्थानांतरित करने के इस प्रयोग की जानकारी दी। Author: राष्ट्रीय खबर